Updated On आमतौर पर कफ रोग यानी सर्दी-खांसी से संबंधित बीमारियां मौसम परिवर्तन के समय अधिकतर लोगों को होती है। साथ ही, खान-पान और रहन-सहन में की गई लापरवाही की वजह से भी ये रोग हो सकते हैं। हम आपको ऐसे 5 कामों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी वजह से कफ से संबंधित रोग हो सकते हैं।
1. पहला काम
आज की व्यस्त जिन्दगी में किसी के पास इतना भी वक्त नहीं है, कि वह दो पल बैठकर सुकून से भोजन कर सके। यदि कोई व्यक्ति खाने करने के बाद तुरंत नहा लेता है, तो इससे कफ बढ़ता है। भोजन के तुरंत बाद पैदल चलना, दौड़ना, आग तापना आदि से वात रोग बढ़ते हैं। इन रोगों से शरीर कमजोर होता है और वृद्धावस्था जल्दी ही आती है।
2. दूसरा काम
गर्मियों के मौसम में धूप और पसीना निकलने से प्यास अधिक तेज़ी से लगने लगती है। इस प्यास को बुझाने के लिए जाहिर आप लोग ठंडे पानी का सहारा लेते होगें। बाहर से घर में घुसते ही आप भी सीधे फ्रिज खोल कर ठंडे पानी की बोतल खाली कर देती होंगी मगर क्या आपको पता है, आपका ऐसा करना आपकी सेहत के लिए कितना हानिकारक हो सकता है। भले ही ठंडा पानी पी कर आपको तुरंत राहत मिल जाती होगी मगर यही ठंडा पानी आपके शरीर को धीरे-धीरे बीमार बनाता चला जाता है। कई बार तो लोग बिना प्यास लगे भी बहुत ज़्यादा मात्रा में ठंडा पानी पी लेते हैं जिसकी वजह से कफ रोग भी हो सकता है।
3. तीसरा काम
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में यह देखने को मिल रहा है, कि लोग बासी खाना ज़्यादा खाने लगे हैं। ऐसा वर्किंग लोगों के साथ अधिक देखने को मिल रहा है। अब आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। अगर आप रात का बचा हुआ खाना सुबह भी खाते हैं, तो आपको बैक्टीरिया के कारण कई बीमारियां हो सकती हैं। अगर आपको लगता है कि बासी खाना पोषण से भरा होता है, तो ऐसा नहीं है। इसमें पोषक तत्वों की हानि हो जाती है और खाना बेस्वाद भी हो जाता है।
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4. चौथा काम
सर्दी के मौसम में इसे बेहद गुणकारी माना गया है। सुबह के समय धूप निकलने के बाद मालिश करानी चाहिए। सर्दियों में मालिश के लिए तिल के तेल का इस्तेमाल करें। तिल के तेल से शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। जहां तिल के तेल के इतने फायदे हैं, वहीं उसके नुकसान से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। ठंड के दिनों में शरीर पर तिल के तेल से अधिक मालिश करने पर कफ रोग भी हो सकता है।
5. पांचवा काम
केला हर मौसम में आने वाला फल है। वैसे तो इसे खाने के कई फायदे होते हैं केले के सेवन से हमारी इम्यूनिटी भी बढ़ती है, लेकिन पके हुए केले को ज़्यादा खाने से सेहत को नुकसान भी हो सकता है। उसी प्रकार मूली विभिन्न प्रकार के खनिज, पोषक तत्व और विटामिनों का एक अच्छा स्त्रोत है। जो विभिन्न प्रकार की मानव स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं को कम करने, उनका इलाज करने और उनके जोखिमों को कम करने के लिए सहायक सब्जी है। परन्तु यदि मूली और पके हुए केले का जरुरत से ज़्यादा मात्रा में सेवन करते हैं, तो यह कफ रोग का कारण भी बन सकता है।
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